गोंडा-बीमारियां कुपोषित बच्चों का पीछा नहीं छोड़तीं और इस वजह से उनका जीवन उतना सुखमय नहीं हो पाता। कुपोषण के खात्मे को लेकर प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की । तभी से हर वर्ष सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है । प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इस वर्ष प्रदेश में राष्ट्रीय पोषण माह 2.0 चलाया है । इसके तहत कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर उनको उच्च कोटि का पोषण सामग्री उपलब्ध करवाना और उनके माता-पिता को इस बात के लिए प्रेरित करना है कि बच्चे की विशेष देखभाल होगी तभी उसका जीवन सुखमय हो पायेगा । ये उद्गार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री माननीय बृजेश पाठक ने गुरुवार को गोंडा जनपद मुख्यालय स्थित टाउन हॉल में पंचम राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारम्भ करने के दौरान व्यक्त किये | दीप प्रज्वल्लित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए डिप्टी सीएम ने दस गर्भवती महिलाओं की गोदभराई और दो बच्चों का अन्नप्राशन करवाया । साथ ही अति कुपोषण से सामान्य स्थिति में आए दो बच्चों अलीसा और निहारिका को मेडल से सम्मानित करने के साथ बेहतर प्रदर्शन करने वाली जिले की बारह आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया । डिप्टी सीएम ने कहा कि किशोरी बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ बनाना ही हमारा प्रथम उद्देश्य है, क्योंकि इनके स्वस्थ्य होने से भविष्य मे जन्म लेने वाले बच्चे जो कि हमारे देश का भविष्य हैं, सुपोषित और स्वास्थ रहेंगे तथा देश के विकास की मजबूत नींव बनाने में सहायक होंगे । जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह में आयोजित होने वाली गतिविधियों को सिर्फ पोषण माह तक ही सीमित न रखा जाए, बल्कि इन गतिविधियों को वर्ष पर्यंत आयोजित कर जनपद को कुपोषण मुक्त बनाया जाए ।सीडीओ गौरव कुमार ने कहा कि पोषण माह को जन आंदोलन का रूप देते हुए जनसामान्य को पोषण के महत्व से परिचित एवं सुपोषित आहार से स्वस्थ व्यवहार को विकसित किया जाए । इसके लिए सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन की बेहद आवश्यकता है । डीपीओ आईसीडीएस धर्मेन्द्र गौतम ने अपने संबोधन में कहा कि पोषण माह में छह माह तक सिर्फ स्तनपान पर विशेष ज़ोर दिया जाए । स्तनपान के साथ छह माह से ऊपर के बच्चों को अनुपूरक आहार के लिए बढ़ावा दिया जाए । इसके लिए आशा के साथ समन्वय बनाकर काम करें । उन्होने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि बच्चों का वजन, लंबाई एवं ऊंचाई लेते समय विशेष ध्यान दिया जाए, जिसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि न हो और सैम (अति कुपोषित) व मैम (कुपोषित) बच्चों का चिन्हांकन सही ढंग के किया जा सके |इस अवसर पर भाजपा के जिला अध्यक्ष अमर किशोर बमबम, मेहनौन विधानसभा के विधायक विनय कुमार द्विवेदी, सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा, सीडीपीओ रमा सिंह, अभिषेक दुबे व यूनीसेफ से मंडलीय समन्वयक संतोष राय समेत क्षेत्रीय मुख्य सेविकायें, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियाँ, सहायिका एवं अन्य विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे ।
Sep 1, 2022
कुपोषण दूर करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका
गोंडा-बीमारियां कुपोषित बच्चों का पीछा नहीं छोड़तीं और इस वजह से उनका जीवन उतना सुखमय नहीं हो पाता। कुपोषण के खात्मे को लेकर प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की । तभी से हर वर्ष सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है । प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इस वर्ष प्रदेश में राष्ट्रीय पोषण माह 2.0 चलाया है । इसके तहत कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर उनको उच्च कोटि का पोषण सामग्री उपलब्ध करवाना और उनके माता-पिता को इस बात के लिए प्रेरित करना है कि बच्चे की विशेष देखभाल होगी तभी उसका जीवन सुखमय हो पायेगा । ये उद्गार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री माननीय बृजेश पाठक ने गुरुवार को गोंडा जनपद मुख्यालय स्थित टाउन हॉल में पंचम राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारम्भ करने के दौरान व्यक्त किये | दीप प्रज्वल्लित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए डिप्टी सीएम ने दस गर्भवती महिलाओं की गोदभराई और दो बच्चों का अन्नप्राशन करवाया । साथ ही अति कुपोषण से सामान्य स्थिति में आए दो बच्चों अलीसा और निहारिका को मेडल से सम्मानित करने के साथ बेहतर प्रदर्शन करने वाली जिले की बारह आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया । डिप्टी सीएम ने कहा कि किशोरी बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ बनाना ही हमारा प्रथम उद्देश्य है, क्योंकि इनके स्वस्थ्य होने से भविष्य मे जन्म लेने वाले बच्चे जो कि हमारे देश का भविष्य हैं, सुपोषित और स्वास्थ रहेंगे तथा देश के विकास की मजबूत नींव बनाने में सहायक होंगे । जिलाधिकारी डॉ उज्जवल कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह में आयोजित होने वाली गतिविधियों को सिर्फ पोषण माह तक ही सीमित न रखा जाए, बल्कि इन गतिविधियों को वर्ष पर्यंत आयोजित कर जनपद को कुपोषण मुक्त बनाया जाए ।सीडीओ गौरव कुमार ने कहा कि पोषण माह को जन आंदोलन का रूप देते हुए जनसामान्य को पोषण के महत्व से परिचित एवं सुपोषित आहार से स्वस्थ व्यवहार को विकसित किया जाए । इसके लिए सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन की बेहद आवश्यकता है । डीपीओ आईसीडीएस धर्मेन्द्र गौतम ने अपने संबोधन में कहा कि पोषण माह में छह माह तक सिर्फ स्तनपान पर विशेष ज़ोर दिया जाए । स्तनपान के साथ छह माह से ऊपर के बच्चों को अनुपूरक आहार के लिए बढ़ावा दिया जाए । इसके लिए आशा के साथ समन्वय बनाकर काम करें । उन्होने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि बच्चों का वजन, लंबाई एवं ऊंचाई लेते समय विशेष ध्यान दिया जाए, जिसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि न हो और सैम (अति कुपोषित) व मैम (कुपोषित) बच्चों का चिन्हांकन सही ढंग के किया जा सके |इस अवसर पर भाजपा के जिला अध्यक्ष अमर किशोर बमबम, मेहनौन विधानसभा के विधायक विनय कुमार द्विवेदी, सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा, सीडीपीओ रमा सिंह, अभिषेक दुबे व यूनीसेफ से मंडलीय समन्वयक संतोष राय समेत क्षेत्रीय मुख्य सेविकायें, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियाँ, सहायिका एवं अन्य विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे ।
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