गोण्डा-जिला गन्ना अधिकारी ओ0पी0 सिंह ने बताया है ट्रेंच विधि से गन्ने की बुआई करने वाले किसान इसके साथ ही सहफसली खेती यथा आलू, मूली, शलजम, पीली सरसों, मटर, चना, मसूर पत्ता गोभी, फूल गोभी के साथ ही गेहूँ आदि की भी बुवाई कर रहे हैं। इस विधि से गन्ने की बुवाई करके जहाँ गन्ना कृषकों को कम लागत में उत्पादन अधिक प्राप्त कर सहफसली खेती से भी अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर रहें हैं, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ के साथ सामाजिक समृद्धि प्राप्त हो रही है और वह स्वयं आत्मनिर्भर हो रहे हैं। उदाहरण स्वरूप जनपद के गन्ना कृषक सत्य प्रकाश तिवारी, ग्राम -ढोढेपुर, रितेश सिंह- ग्राम बरसड़ा एवं अनिल चन्द्र पाण्डेय, ग्राम पूरे चैनकुँवर आदि द्वारा इस विधि से गन्ने की बुवाई कर कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त किया है और इसके साथ सहफसली खेती से भी अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर अपने क्षेत्र में एक सफल किसान के रूप में प्रख्यात हुए हैं और इनका सामाजिक दायरा भी बढ़ा है । आस - पास के किसान इनके गन्ने के प्लाट को देखकर जागृत हो रहे हैं । विभाग द्वारा किसानों को इस विधि से शरदकालीन बुवाई करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए गोष्ठी आदि के माध्यम से प्रेरित करते हुए उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत की जा रही है, ताकि वह स्वयं आत्म निर्भर होकर इस विधि से कम लागत में गन्ने की बुवाई कर अधिक लाभ पायें और सहफसली खेती से भी अतिरिक्त लाभ प्राप्त करें और उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक समृद्धि प्राप्त हो ।
Sep 18, 2020
ट्रेन्च विधि अपनाकर कम लागत में बढ़ाएँ गन्ना उत्पादन - जिला गन्ना अधिकारी ओ0पी0 सिंह
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