वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर एस0 एन0 सिंह द्वारा किसानों को जानकारी देते हुए।
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फखरपुर बहराइच -आज पारले कंपनी के ग्राम - बदरौली में डॉक्टर एस0 एन0 सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा गोष्ठी के माध्यम से किसानों को गन्ना उत्पादन अच्छा हो । इसके लिए जागरूक किया गया । उन्होंने कहा की फसलों के अवशेष को बिल्कुल न जलाये ! क्योंकि उनमे भी भरपूर पोषक तत्व उपलब्ध है । जो गन्ना फसल को चाहिए । भूमि में कार्बनिक तत्व मानक से बहुत ही कम है ! इसकी पूर्ति के लिए रासायनिक उर्वरक कम करें ।जैविक, ऑर्गेनिक, बायो एवं हरी खाद पर विशेष ध्यान दे।पेड़ी प्रबंधन में सबसे पहले जुताई -गुड़ाई करे ।यह कल्लो के ब्यांत का समय है ।प्रति एकड़ 50 किलो यूरिया का प्रयोग करे ! यदि गन्ने की लाइन में कहीं पर 35 -40 सेंटीमीटर का गैप हो तो गैप फिलिंग करे । जिससे उत्पादन प्रभावित ना हो कंही -कंही पर टॉप बोरर भी फसल पर इस समय दिख रहा है ।इसके लिए प्रभावित कल्लो को जमीन के 2 इंच नीचे से काट दे । जिससे नया कल्ला आ जाये ! उसके बाद 150 मि0 ली0 कोराजन को 400 ली0 पानी में घोल बनाकर लाइन में शाम के समय ड्रेंचिंग कर दे ! 24 घंटे के अंदर पानी चला दे ! पेड़ी फसल के कुछ प्लाट में आयरन की कमी है ! जिससे पत्ती पीली एवं सफ़ेद हो रही है ।जिससे फसल की बढ़वार रुक जाती है इसके लिए 10 किलो फेरस सल्फेट प्रयोग प्रति एकड़ की दर से यूरिया में मिलाकर तत्काल नमी की दशा में करे ।
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माह मई -जून में 2 स्प्रे एन0 पी0 के0 , इमिडा कीटनाशक, हेक्सा टॉप, यूरिया का घोल बनाकर करे। उन्होंने कहा की जिन किसानों के पास 0238 प्रजाति है उसे रेड रॉट से बचाये ! उसके लिए 200 मि0 ली0 एमीस्टार टॉप फफूंदी नाशक को 200 ली0 पानी में मिलाकर 15 दिन के अंतराल पर 2 स्प्रे करें ! इसके अलावा 5 ली0 ट्राइकोडर्मा तरल को भी लाइन में 400 ली0 पानी के साथ मिलाकर ड्रेंचिंग कर सकते है ।
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