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Mar 16, 2023

सरयू डिग्री कालेज में बीएड के का व छात्राध्यापिकाओ का स्काउट गाइड ट्रेनिग शुरू

 





करनैलगंज/ गोण्डा- सरयू डिग्री कॉलेज के बीएड के छात्राध्यापक एवं छात्राध्यापिकाओं का स्काउट गाइड का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज दूसरा दिन रहा।इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर बी सिंह ने स्काउट के इतिहास पर विचार व्यक्त किये व मानव जीवन मे इसका कितना महत्व है। स्काउटिंग 11 से 18 वर्ष के लड़कों के लिए कार्यक्रम के रूप में शुरू हुई। अन्य लोग भी आन्दोलन में लगभग तुरन्त भाग लेना चाहते थे। सन् 1910 में “ गर्ल गाइड्स ” कार्यक्रम को बेडेन पॉबेल के द्वारा शुरू किया गया था जिसके प्रबन्धन के लिए अपनी बहन एगनेस को नियुक्त किया गया। सन् 1915 ई . में रोबर्ट बेडेन पॉबेल गर्ल गाइड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बने और उनकी पत्नी ऑलेव जिनसे उन्होंने 1912 में विवाह किया , नई मुख्य गाइड (चीफ गाइड) बनी । सन् 1916 ई में छोटे लड़कों के लिए एक वुल्फ कब अनुभाग का गठन किया गया था । जिसमें गतिविधियों के लिए एक कल्पनाशील प्रतिकात्मक रूप रेखा के लिए रुडयार्ड किपलिंग की “ जंगल बुक " का उपयोग किया। सन् 1918 ई . में बड़े लड़कों के लिए एक रोबर स्काउट इकाई (शाखा) का गठन किया गया था ।इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डा. ओमप्रकाश सिंह, डॉ. त्रिपुरारी दूबे, डा. जगन्नाथ तिवारी, डॉ संजय सिंह,मार्शल स्टालिन, पवन मिश्रा, डॉ. शैलेंद्र बहादुर सिंह, डा. रवीन्द्र प्रताप सिंह, उमेश पाठक, प्रेम तिवारी, डा. दीपक श्रीवास्तव,अमित सिंह, जिला स्काउट गाइड कमिश्नर ज्ञानेश गुप्ता, स्काउट प्रशिक्षक प्रतिभा त्रिपाठी एवं अनुज जी आदि लोग मौजूद रहे।

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